Saturday 30 December 2017

प्रगति उत्सव उत्सव का समापन
मैं भी छू सकती हूं आकाश…. मौके की है मुझे तलाश!
देवगढ़ न्यूज़  - टीम कैरियर द्वारा आयोजित नगर मे चल रहे तीन दिवसीय प्रगति उत्सव का समापन गुरुवार को हुआ महिलाओ के लिए जागरूकता अभियान के तहत इस प्रगति उत्सव से एक नहीं कई सामाजिक परिवर्तन के संदेश प्रसारित हुए इस प्रगति उत्सव मे ग्रामीण क्षेत्र लसानि, आँजना, बग्ग्ड़, विजयपुरा, निबाहेड़ा, स्वादड़ी, निमझर, चतरपुरा, दोलपुरा, स्वादड़ी, कूवाथल, मदारिया, विजयपुरा, कामलीघाट, कुंडेली सहित नगर की महिलाओ  ने भाग लिया कार्यक्रम के समापन पर अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र ओर प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए
प्रतियोगिताओ का इस प्रकार रहा परिणाम
रंगोली प्रतियोगिता मे  प्रथम चंद्रप्रभा लोहरा ,  द्वितीय  रक्षा कुमारी व कमला रेगर , तृतीय  डाली रेगर, चित्रकला प्रतियोगिता  मे प्रथम  भूमिका सोनी, नाटक मे  गनी नगरची एंड ग्रुप,  मेहंदी प्रतियोगिता मे  प्रथम भावना रेगर , द्वितीय  जाग्रति दक, तृतीय – प्रियंका सोनी,  रेसिपी  प्रतियोगिता मे प्रथम सोनल जैन, डांस  प्रतियोगिता प्रथम प्रियंका सोनी,  द्वितीय  अंजू खोखर , तृतीय  भावना खोखर , ग्रुप डांस मे  प्रथम डिंपल खोखर एंड ग्रुप,  द्वितीय  भारती एंड ग्रुप , तृतीय – मधुलता एंड ग्रुप, आशु भाषण मे प्रथम सविता , द्वितीय  किरण वैष्णव , तृतीय  कृष्णा शर्मा कविता मे प्रथम कमला रेगर, द्वितीय तुलसी सिसोदिया रही कार्यक्रम  के समापन पर टीम कैरियर द्वारा महिलाओ को आने वाले अवसरो ओर सरकारी योजनाओ की जानकारी उपलब्ध कराई ओर संस्थान द्वारा मैं भी छू सकती हूं आकाश…. मौके की है मुझे तलाश! पर टेली फिल्म दिखाई गई जिसमे बताया की कि स्त्री कमजोर नहीं है। अगर वह चाहे तो विश्व का निर्माण कर सकती हैं  तहसील की विभिन्न पंचायतों से आई महिलाओ को महिलाओ को नुक्कड़ नाटक और नृत्य के जरिये घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूक किया उससे काफी प्रभावित हुई ओर सामाजिक परिवर्तन इस उत्सव को अहम बताया 
इनकी थी प्रगति उत्सव मनाने की सोच  
वंदना सेननिशा चुण्डावतभावना पालीवालकिरण गोस्वामीनीतू राजपूतउषा नरनिया, लोकेश चुण्डावतमोनिका पोरवाड़दीपिका वैष्णव 
सर्वे भवन्ति सुखिन:, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का संदेश
देवगढ़ नगर मे चल रहे प्रगति उत्सव के दूसरे दिन नारी सशक्तिकरण के अनेक रूप  प्रदर्शित हुए रंग रेखाओ की जरिये, रचनाशीलता, पुष्प रंगोली द्वारा नारी मन को अभिव्यक्त किया गया क्षेत्र की महिलाओ ने प्रगति उत्सव मे पुष्प ओर विभिन रंगो से मनमोहक रंगोली बनाई। इसमें नारी के खिलाफ अत्याचार, देश में लड़कियों की हालत, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ  ओर सर्वे भवन्ति सुखिन:, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, स्वच्छ भारत मिशन जैसे स्लोगन तथा सम्बन्धित चित्रों का सजीव चित्रण किया गया। महिलाओ के रंगोली मे इस प्रकार के विचारो से निर्णायक गण काफी प्रभावित हुए 

मेहंदी प्रतियोगिता मे 70 महिलाए  सभी के हाथों में मेहंदी कोन और मेहंदी रचाने के लिए 30 मिनट का समय मे महिलाओ ने सामाजिक संदेश देते हुए अरेबियन, मारबाड़ी और हाथ भरे स्टाइल की मेहंदी लगाई इस उत्सव मे नगर एवं आस पास की कई महिलाओ ने सामाजिक परिवर्तन की इस मुहिम मे बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया इस तरह की प्रतियोगिताए समाज की उन लोगो की एक  सामाजिक संदेश दे रही है जो बेटे ओर बेटी मे भेदभाव करते है
व्यंजन स्पर्धा व्यंजनों का स्वाद सिर चढ़कर बोला तथा मीठे से नमकीन , पिज्जा, भेल, फ्रूट सलाद आदि मनमोहक व्यंजन बनाकर  कई महिलाओ ने अपना हूनर दिखाया ओर बनाने का तरीका सभी को समझाया सभी व्यंजनों की तारीफ हुई इस अवसर पर महेश पालीवाल द्वारा बताया  की  महिला परिवार की प्रथम इकाई है। उसके बिना परिवार का विकास होना नामुमकिन है महिलाएं आज भी घर की चहारदीवारी में जीवन बसर कर रही हैं। परिवार में ही उनके साथ भेदभाव होता है। इसके लिए सोच मे परिवर्तन लाना जरूरी है।  महिलाओं के प्रति नजरिया बदलना होगा और सोच बदलने के लिए शिक्षा जरूरी है।
 सामाजिक परिवर्तन से संबन्धित ये प्रतियोगिताए हुई सम्पन्न
वंदना सेन ने बताया की प्रगति उत्सव के दूसरे दिन अभी तक महेन्दी, रंगोली, रेसिपी, एकल गान, डांस, आशु भाषण,कविता एवं नाटक  हुए जिस प्रकार क्षेत्र की महिलाओ ने इसमे भाग लिया ओर  आदि मे 200  महिलाओ ने भाग लिया  निर्णायक के रूप मे हेमलता कसेरा, तन्वी उपाध्याय, मोनिका पोरवाड़, लोकेश चुण्डावत, भावना पालीवाल थे  
 हर वर्ष होगा आयोजन महिला प्रगति उत्सव का आयोजन
कार्यक्रम के मुख्य सदस्य  ललित पालीवाल ने हर वर्ष इस आयोजन करने को करने को कहा जिससे इस प्रकार  के कार्यक्रमो से सामाजिक परिवर्तन का संदेश घर घर तक पहुचे ऐसे आयोजन से  प्रतिभा में निखार आती है। उनकी प्रतिभा को रचनात्मक रूप देना तथा कल्पना शक्ति को विकसित करना ही इस उत्सव का उद्देश्य है। इस अवसर पर सुखिया, तोहिद, शकुंतला, किरण वैष्णव, मनीषा गेहलोत, रेशमा बानो, मीना सालवी, डाली रेगर, सुगना चौहान फरजना बानो नरेंद्र सिंह चुण्डावत,  महेश पालीवाल, वंदना सेन, ललित पालीवाल, किरण गोस्वामी, भावना पालीवाल, हेमलता कसेरा, हंसा वैष्णव, उषा नरनिया, नीतू राजपूत,  मोनिका पोरवाड़, तन्वी उपाध्याय, दीपिका वैष्णव, ज्योति पँवार आदि थे 


हर आवाज मे थी महिला सशक्तिकरण की परिभाषा
नगर मे पहली बार आयोजित  महिला प्रगति उत्सव
देवगढ़ नगर मे बुधवार से  पीएमकेवीवाय कोशल विकास केंद्र पर तीन दिवसीय प्रगति उत्सव का शुभारंभ हुआ कार्यक्रम मे अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती को दीप प्रज्वलन कर प्रारम्भ किया गया नगर मे पहली बार आयोजित हो रहा महिला प्रगति उत्सव सामाजिक परिवर्तन के कई पहलुओ को छु गया इस आयोजन मे नगर ओर ग्रामीण क्षेत्रो की आस पास की 200 महिलाओ ने भाग लिया कार्यक्रम मे कृष्णा एंड ग्रुप ने स्वागत गान गया कार्यक्रम में महिलाओ 
ने नारी सशक्तिकरण के संदर्भ में रंगारंग सांस्कृतिक ओर सामाजिक मुद्दो पर प्रस्तुति दी।  जिनमे ग्रुप डांस मे डिंपल एंड ग्रुपने नारी शक्ति हु दुनिया बदल सकती हु मधुलता एंड ग्रुप
, ओ रि चिरिया नन्ही सी चिड़िया , एकल नृतीय मे अंजु खोखर ने मे भी छू सकती हूं आकाश…. मौके की है मुझे तलाश! एवं  भावना, प्रियंका,परी, जारा, हिमांगी, आशुभाषण मे, सविता, किरण वैष्णव, कृष्णा शर्मा, कविता मे पूजा कुमारी ने बोला की रोशनी उगाने के लिये एक जतन और सखी,एक जतन और सामाजिक परिवर्तन के खिलाफ जब सैकड़ों महिलाओं ने एक मंच पर अपनी एकजुटता दिखाई तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज उठा ओर कमला सेरसिया तारा कंवर आदि मे अपनी प्रस्तुतिया दी

महिला सशक्तिकरण पर केन्द्रित नाटक का मंचन
गनी एंड ग्रुप ने दिया आवेग पूर्ण अभिनय ओर मार्मिक संवाद
नाटक का मंचन कुछ इस तरह से हुआ की नारी की सामाजिक अराजकता की मार्मिकता बया कर गए मार्मिक संवादो को आवेग पूर्ण अभिनय से बया करने ओर नाटक की विषय वस्तु को गहरा करने के लिए कविताओ का सही प्रसंग मे इस्तेमाल किया गया नाटक के मंचन से नारी शक्ति के अनेक रूपों को दिखाया उन्होंने पेश किया कि स्त्री कमजोर नहीं है। अगर वह चाहे तो विश्व का निर्माण कर सकती हैं और अगर उसकी अस्मिता को ठेस पहुंची तो वह सर्वनष्ट भी कर सकती हैं।

नाटक की कुछ उलेखनीय संवाद
1-      एक शोषण मुक्त ओर घेर बराबरी से मुक्त समाज होगा
2-      पढ़ी लिखी नारी करती है घर मे उजयारी
3-      महिला शक्ति आज की परिभाषा
      सामाजिक परिवर्तन के खिलाफ जब सैकड़ों महिलाओं ने एक मंच पर अपनी एकजुटता दिखाई
कार्यकम की मुख्य संयोजक निशा चुण्डावत ने बताया की इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला की अस्मिता का बोध करवाना है। उन्होंने कह कि महिला स्वयं अपने महत्व व क्षमताओं का बोध करे जिससे वह पने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके। उन्होंने कहा कि लिंग अनुपात में असमानता के पीछे समाज की संकीर्ण मानसिकता है। नैतिक मूल्यों में गिरावट व महिलाओं से संबंधित बढ़ते अपराध से इस तरह की सोच में बढ़ोतरी हो रही है। इस मौके पर 'तू है शक्ति' नाटक से दिया महिला सशक्तीकरण का संदेश दिया गया। वहीं, महिलाओं के सवालों के जवाब भी दिए गए। इस अवसर पर नरेंद्र सिंह चुण्डावत,  महेश पालीवाल, वंदना सेन, ललित पालीवाल, किरण गोस्वामी, भावना पालीवाल, हेमलता कसेरा, हंसा वैष्णव, उषा नरनिया, नीतू राजपूत,  मोनिका पोरवाड़, तन्वी उपाध्याय, दीपिका वैष्णव, ज्योति पँवार, श्याम कंवर, लोकेश चुण्डावत,  फरजना, फरजाना, रेशमा बानो, चंदा जेलिया, गंगा कंवर, राधा रेगर, नविना, जगराती डाक, शमीम, साहिस्ता, शिखा सोनी, भावना सुखवाल, डिंपल उपाध्याय , प्रियंका सोनी, रूपलता सोनी  कन्हैया साहू, प्रवीण, प्रकाश आदि उपसतिथ  थे

Thursday 14 December 2017

युवाओं को खोखला करता नशा :  निशा चुण्डावत

राजस्थान पत्रिका के अभियान गाढ़ी कमाई पर मटके का ग्रहण को लेकर कैरियर टीम नयी ज़िंदगी अभियान द्वारा नगर व ग्रामीण क्षेत्रों दोलपुराआँजनामदारिया मे लोगो को संवाद कररेली निकालमानव श्रंखला बना कर जागरूक करने का कार्य किया गया ॥ नयी ज़िंदगी अभियान की टीम ने अपने अभियान को जिस तरहा क्रियान्वित किया है उस से आज 5000 लोग जुड़ चुके है अभियान के मुख्य सदस्य महेश पालीवाल ओर टीम द्वारा काफी मेहनत की जा रही है 

टेली फिल्म बनी आकर्षण का केंद्र 

नयी ज़िंदगी टीम द्वारा नगर व ग्रामीण क्षेत्रों दोलपुरा, आँजना, मदारिया मे लोगो को जागरूक करने का कार्य किया गया जिसमे नशे से होने वाले दुष्परिणामों को निशा चुण्डावत ओर वंदना सेन द्वारा संवाद, गीत अभियान के माध्यम से मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत किया। जिसमें शराब, तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट आदि से होने वाले शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक पारिवारिक दुष्परिणामों को मार्मिक संवाद अभियान के माध्यम से दर्शाया।
रेली निकाल ओर मानव श्रंखला बनाकर किया जागरूक
प्रधानाचार्य नूतन प्रकाश जोशी के निर्देशन मे राजकीय आदर्श मदारिया विध्यालय मदारिया गाँव मे  रेली निकाल ओर मानव शृंखला बनाकर युवाओ को जागरूक किया गया लोगों को यह संदेश दिया जा रहा है कि पान बीड़ी सिगरेट, सटेबाजी, शराब, चरस, गांजा नशा हमारे लिए घातक है। हमारा राष्ट्र नशे के कारण बहुत पीछे जा रहा है। हम लोगों को पूरी तरह नशे से बचना है और अपने परिवार को निरोगी बनाना है।
कार्यक्रम मे प्रधानाचार्य ने बताया की नशे के प्रभाव से न केवल एक जीवन वरन सम्पूर्ण परिवार का विनाश हो जाता है। नशे के फैलाव से देशों का आर्थिक विकास पिछड़ रहा है एवं समाज में आपराधिक प्रवृतियां पनप रही हैं। नशे से लडऩे के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पारिवारिक एवं सामाजिक सामूहिक संकल्प की आवश्यकता है। सिर्फ सरकार या नशामुक्ति संस्थायें इसके लिए पर्याप्त नहीं हैं।
इस मौके पर व्याख्याता अशोक स्वर्णकार, नरेश सोलंकी, कृष्ण कान्त शर्मा, अनिल कुमार जेलिया, असलम खान, लीला जोशी, मधु जोशी, नरेश सोलंकी, महावीर सिंह चुण्डावत आदि मौजूद रहे।
नयी ज़िंदगी टीम ने युवाओ से किया संवाद
ग्राम आँजना के उच्च माध्यमिक विध्यालय मे युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे बताया  की लोग ये सोच कर नशा लेते हैं की नशा तनाव को दूर करता है ये गलत है एक युवा ने बताया की परिवार के व्यक्ति ,दोस्त एवं अपने आदर्श व्यक्ति को नशा करते देखते है तो हम भी सोचते है की इस से तनाव दूर होगा लेकिन ये गलत है हमे अपने आप को ओर लोगो को प्रेरित करना होगा प्रधानाचार्य मुकुट बिहारी शर्मा द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए ओर बताया की विद्यालय एवं परिवार में बच्चों एवं युवाओं के नशे के संकेत पहचानने वाले कार्यक्रमों का आयोजन एवं प्रशिक्षण होने चाहिए। जिस से हमारी आने वाली नस्ल इसके चपेट मे आने से बचे ओर नशा रोकने के लिए कारगर रणनीति राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वित होनी चाहिए। इस मौके पर वेद प्रकाश जोशी एवं कई व्याख्ताओ ने विचार व्यक्त किए
सफलता(Success) का कोई शोर्टकट नहीं होता। 
सफलता(Success) का कोई शोर्टकट नहीं होता। यही वजह है कि चाहे कितना भी समय बदला हो, युग बदला हो, परिस्थितियां बदल गई हों, फिर भी कड़ी मेहनत(Hard work) व लगन से सफलता(Success) के लिए किया गया प्रयास अपना सुफल देने में, चमत्कार दिखाने में पल भर की देरी नहीं करता और यही कारण है कि अभावों के बीच रहकर भी सफलता(Success) पाने के इतिहास युगों से लिखे गए हैं, रचे गए हैं। वर्तमान में भी ऐसा
ही कुछ इतिहास रचा जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि सफलता(Success) किन्हीं साधन – सुविधाओं की मोहताज नहीं होती, सफलता(Success) के लिए संसाधनों का अंबार होना ज़रुरी नहीं। सफलता(Success) उन अभावग्रस्त व्यक्तियों के भी हिस्से में आ सकती है, जो कड़ा संघर्ष(Struggle) करते हैं और प्रबल इच्छाशक्ति व लगन के सहारे निरंतर – सतत आगे बढ़ते हैं। अभावों का जीवन जीते हुए संघर्ष(Struggle) करके भी अपनी पहचान बनाई जा सकती है, इस बात को आज की नई युवा पीढ़ी प्रमाणित कर रही है।
इन दिनों प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसे विधार्थी अव्वल आ रहे हैं, जिनके जीवन में संसाधनों का अभाव था और उनका जीवन भी कई तरह की समस्याओं(Problems) से घिरा हुआ था। सफलता की इस कड़ी में देश की ऐसी बेटियाँ भी अव्वल आईं, जिनके पिता मजदूरी करते थे और ऐसे बेटे भी चमके, जिनकी परवरिश झुग्गी – झोंपड़ियों में अभावों के बीच हुई। जिनकी माँ घर-घर चौका-बरतन करके पैसे जमा करतीं और पिता रिक्शाचालक बनकर आर्थिक रूप से सहयोग करते। इस तरह Struggle पूरे परिवार ने एक साथ किया और अपने भाग्य को चमकाया।
हर साल हमारे देश के युवा यह साबित करते हैं कि प्रतिभा(Talent) सुविधा और संसाधनों के बीच नहीं पनपती, बल्कि अभावों के बीच में व संघर्ष(Struggle) के मध्य पनपती है और अपना प्रभाव दिखाती है। यदि ऐसा न होता तो कबीरदास, रैदास, दादू जैसे महापुरुषों को छोड़ प्रतिभा पैसे वालों के घर का रुख करती, परंतु ऐसा होता नहीं है। हर साल भारत देश के नौजवान यह बतलाते हैं कि संघर्ष(Struggle) की तापिश जीवन को सुखाती नहीं, बल्कि उसे निखार देती है।
संघर्ष की लगन ही व्यक्ति की लक्ष्य की और गति को थमने नहीं देती, आशा की किरण को टूटने नहीं देती, बल्कि उत्साह, उमंग को निरंतर बढ़ाती है और यही कारण है कि आज देश में अभावों के अंधेरों के बीच भी सफलता(Success) की रोशन राहें निकल रही हैं। जो यह भी बताती हैं कि सहूलियतों के बीच जीवन जीकर सफलता(Success) पाना और मुकाम बनाना ही सब कुछ नहीं है, बल्कि जीवन की सही समझ के लिए अभावों के बीच जीवन जीना भी ज़रुरी है, तभी जीवन के सही मर्म व अंदाज़ का पता चलता है।
Related imageजीवन में अगर संघर्ष(Struggle) न हों, चुनौतियाँ(Challenges) न हों तो मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता। बिना कड़ी मेहनत(Hard work) के जो सफलता पाई जाती है, वह महत्वहीन होती है, असंतोष देती है। परिस्थितियों से जूझते हुए, कठिनाइयों(Difficulties) से लड़ते हुए यदि हिम्मत न हारी जाए तो सफलतारुपी मंज़िल ज़रुर मिलती है। चुनौतियों से लड़ते हुए, संघर्ष(Struggle) करते हुए ही व्यक्ति की जीवात्मा के उपर छाया हुआ अंधेरा छँटता है और जीवन प्रकाशित होता है। इसलिए यह कहा जाता है कि प्रखर और प्रतिभाशाली बनने के लिए संघर्ष और चुनौतियों को हर कदम पर स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
प्रतिभाएँ अपनी पहचान स्वयं बना लेती हैं। उनका हौसला और इच्छाशक्ति उन्हें शून्य से शिखर तक ले जाने का कार्य करते हैं और कई तरह के संघर्षों व अड़चनों के बावजूद जब वे सफलता(Success) प्राप्त करते हैं, तो पूरे समाज के लिए एक उदाहरण बन जाते हैं। साधारण से दिखने वाले व्यक्ति जब असाधारण सफलता(Success) पाते हैं तो कोई सोच भी नहीं सकता कि वे अपने जीवन में कितना खपे हैं, उन्होंने कितना संघर्ष(Struggle) किया है, उनके सपनों(Dreams) की बुनियाद के पीछे कितनी मेहनत है। फिर भी अपने  हौसलों के दम पर वे निरंतर आगे बढ़ने रहते हैं, प्रयास करते हैं और इस तरह एक दिन वे सफलता(Success) के शिखर को छू ही लेते हैं।
जीवन में जब कोई कुछ करने की ठान लेता है और ईमानदारी से उसके लिए प्रयास करता है तो उसे देर-सबेर सफलता(Success) अवश्य मिलती है। हालांकि इस यात्रा में उसे बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, कई तरह के भटकावे सामने आते हैं, जो उसे लक्ष्य से भटकाते हैं, विचलित करते हैं। कई तरह के विकल्प दीखते हैं, वे भी राह में एक तरह की बाधा होते हैं, लेकिन दृढ़तापूर्वक और ईमानदार कोशिश करने वाले लोग इन विकल्पों व शोर्टकट मार्गो को नहीं अपनाते और अपनी लगन का सहारा लेते हुए संघर्ष व मेहनत का उचित रास्ता चुनते हैं, अपनी क्षमता-योग्यता व दक्षता को निरंतर निखारने का प्रयास करते हैं। ये ढर्रे पर चलने वाले रास्तों के बजाय अपने लिए नए रास्ते बनाते हैं और इस तरह समाज के लिए एक आदर्श उदाहरण बन जाते हैं। सफलता की इमारत संघर्ष की नींव पर ही खड़ी होती है।

Saturday 9 December 2017

पत्रिका ओर टीम कैरियर का नयी ज़िंदगी अभियान ला रहा है रंग

नगर पालिका सभागार मे एक साथ 700 लोगो ने ली सपथ

राजस्थान पत्रिका के अभियान गाढ़ी कमाई पर मटके का ग्रहण को लेकर कैरियर टीम नयी ज़िंदगी अभियान द्वारा नगर के नगरपालिका सभागार मे 700 लोगो को नशा मुक्ति के लिए संकलप दिलाया गया कार्यक्रम  मे उपखंड अधिकारी के आर चौहान द्वारा दिलाई गयी ओर बताया  की  युवा जब नशे से दूर रहेंगे तो स्वर्णिम भविष्य होगा  वर्तमान समय में युवा नशे के आदि होते जा रहे हैं। युवाओं के नशे में होने के कारण अपराध कर रहे हैं। प्रतिदिन कोई न कोई यह नशे में अप्रिय घटना को अंजाम देते हैं। इनके इस व्यवहार के कारण इनके परिवार के साथ-साथ अन्य लोगों पर भी प्रभाव पड़ता है। अगर युवा नशे से दूर हो जाएंगे तो आने वाले समय में देश का स्वर्णिम भविष्य होगा। देश तरक्की करेगा

विकास वोर्ड एवं विधायक हरी सिंह रावत ने बताया की नगर को पालीवाल जेसे युवाओ की जरूरत है जो एक नयी सोच ओर नयी दिशा रखते है हम सभी की इस मुहिम को सफल बनाने में हम सभी को आगे आकर सहयोग करना चाहिए। 

इस अवसर भाजपा जिला  अध्यक्ष  भँवर लाल शर्मा , नगर पालिका अध्यक्ष अंजना जोशी, प्रधान उम्मेद सिंह चुण्डावत, जिला शिक्षा अधिकारी भरत कुमार शर्मा, सीईओ स्काउट भरत कुमार पांडे, विकाश अधिकारी राहुल कुमार बेरवा, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार कंसारा, मुकेश जोशी, शोभा लाल रेगर, दीपक भारद्वाज , मुकुट बिहारी शर्मा, कल्पना शर्मा, महेश पालीवाल, वंदना सेन, निशा चुण्डावत, ललित पालीवाल, किरण गोस्वामी, कन्हैया साहू,  प्रकाश सिंह  आदि उपस्थिथ थे

जागरूकता के साथ दिलाते हैं शपथ
1 महीने पहले शुरू किया गया यह अभियान अब धीरे-धीरे रंग दिखाने लगा है। इस अभियान से लोग तेजी से जुडऩे लगे हैं। नशे की लत से बचाने के लिए 9000 लोगो को अभी तक सेमिनार, नाटक, कार्यशाला ओर टेली फिल्म के माध्यम से जाग्रत किया जा रहा है ओर हजारो लोग इस से प्रेरित हुए है

स्कूल एवं कॉलेजों पर विशेष फोकस
नशे की बुराई से बचाने के लिए गांव व शहरी स्कूली और कॉलेज के छात्रों पर विशेष फोक स किया गया है। कैरियर टीम द्वारा हर सप्ताह की प्लानिंग कर  कई शिविर स्कू ल व कॉलेज स्तर पर लगाए जाते हैं।  टीम सदस्य महेश पालीवाल का मानना है कि छात्र जीवन में जो लोग नशे की लत से जुड़ जाते है, उन्हें नशा छोडऩे के लिए बहुत संघर्ष करना होता है।
युवा महोत्सव पर किया कार्यशाला का आयोजन
टीम कैरियर द्वारा पालिका मे आयोजित युवा महोत्सव पर बाहर बैनर लगाकर कई लोगो को हस्ताक्षर कराकर सपथ दिलाई गयी ओर लोगो के पत्रिका के इस अभियान की जानकारी प्रदान की गयी